Wednesday 24 January 2018

Rani Padmavati - A Glorious History as recorded in our folklores

रानी पद्मावती - इतिहास का एक स्वर्णिम पृष्ठ, हमारी लोककथाओं से 


दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल के दौरान मेवाड़ एक शक्तिशाली राजपूत राज्य था । मेवाड़ के राजा थे राणा रतन सिंह । चित्तौड़ का किला मेवाड़ का रक्षा कवच था । 700 एकड़ जमीन में फैला यह किला समय के प्रहारों के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहा है |

रानी पद्मावती मनोहरगढ़ के राजा सम्मान सिंह जी पंवार की बेटी थी । राजा सम्मान सिंह ने अपनी बेटी के लिए एक स्वयम्वर की व्यवस्था की । राणा रतन सिंह ने मलखान सिंह (एक छोटे से पड़ोसी राज्य के राजा) को हराने के बाद पद्मावती से विवाह किया ।

अलाउद्दीन खिलजी ने अपने ससुर और चाचा जलालउद्दीन खिलजी की हत्या करने के बाद अपने आप को दिल्ली का सुल्तान घोषित कर दिया था। उसने रानी पद्मावती के सौन्दर्य के बारे में बहुत कुछ सुन रखा था । वह रानी को हर हाल में पाना चाहता था । जनवरी 1303 में अलाउद्दीन खिलजी ने एक विशाल सेना के साथ चित्तौड़ पर चढ़ाई कर दी । किले की मजबूत रक्षा व्यवस्था देखकर वह बहुत निराश हुआ ।

खिलजी की सेना की ताकत देखकर राणा रतन सिंह लड़ाई से बचने के उपाय सोचने लगे । तब अलाउद्दीन खिलजी ने राजा को एक सन्देश भेजा कि वह अपनी सेना के साथ दिल्ली लौट जाएंगे यदि राणा रानी पद्मावती की एक झलक की अनुमति दे दें |

पद्मावती इसके लिए एक शर्त पर सहमत हो गई कि खिलजी केवल एक आईने में उनका प्रतिबिम्ब देख सकता है । अलाउद्दीन खिलजी भी सहमत हो गया और वह अपने विश्वस्त जनरलों के साथ रानी को देखने आया । आईने में पद्मावती का प्रतिबिंब देखकर खिलजी हक्का-बक्का रह गया । जितना सुना था रानी पद्मावती उससे भी कहीं अधिक सुन्दर थीं । अब रानी को अपनाने की उसकी इच्छा उसमें और अधिक मजबूत हो गई ।

शर्त के अनुसार अलाउद्दीन खिलजी अपने शिविर की ओर रवाना हो गया । रतन सिंह खिलजी को किले के फाटक तक छोड़ने गए । फाटक पहुंचते ही खिलजी ने छल से रतन सिंह को बंधक बनाकर अपने शिविर ले गया और उन्हें कैद कर लिया | अब उसने चित्तौड़ किले में सन्देश भेज राजा के बदले रानी पद्मावती की मांग की ।

बुद्धिमत्ता पद्मावती ने एक योजना तैयार की । उसने खिलजी के पास एक दूत भेजा और कहा कि वह पालकी में अपनी सहेलीयों और नौकरानियों के साथ सुबह तक शिविर पहुँच जायेंगी । अगले दिन सुबह रानी ने सेना के दो प्रमुख जनरल ‘गोरा’ और ‘बादल’ के साथ कई सैनिकों को खिलजी के शिविर जाने के लिए तैयार किया । एक पालकी में गोरा खुद बैठ गए । हथियार सहित महिलाओं के वेश में कुछ सैनिक पालकीओं में बैठ गए और बाकी 200 सैनिक पालकीओं के वाहकों की भूमिका में खिलजी के शिविर की ओर चल दिए | शिविर में पहुंचते ही 80 साल के गोरा ने रतन सिंह के टेंट में जाकर उन्हें घोड़े पे बैठने को कहा और चित्तौडगढ़ किले की ओर जाने को कहा । एक तरफ राणा किले की ओर निकले और दूसरी तरफ राणा के सैनिकों ने खिलजी की सेना पर हमला बोल दिया । गोरा खिलजी के तम्बू तक पहुंचा और खिलजी को मारने ही वाला था पर सुल्तान अपनी उपपत्नी के पीछे छिप गया । भारत के योद्धा महिलाओं को नहीं मारते, इसलिए गोरा ने उस महिला पर वार नहीं किया और खिलजी बच गया |

इस मुठभेड में दोनों पक्ष के कई सैनिक मारे गये और राणा रतन सिंह को मुक्त कर लिया गया । खिलजी के सैनिकों से युद्ध करते हुए ‘गोरा’ और ‘बादल’ वीरगति को प्राप्त हुए । और राणा रतन सिंह चित्तौड़ के किले में सुरक्षित पहुँच गए |

इस पर क्रोधित अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ किले को चारों ओर से घेर लिया | राणा रतन सिंह अपने सैनिकों को किले के सभी फाटक बंद रखने का आदेश दिया । खिलजी के सैनिक चित्तौड़ किला की मजबूत दीवारों को नहीं तोड़ पाए । यह सिलसिला आठ महीने तक चला (जनवरी से अगस्त तक) । किले में संग्रहित खाद्य वस्तुएं समाप्त होने लगीं | 26 अगस्त, 1303, को रतन सिंह ने अपनी सेना के साथ केसरी पगड़ी धारण करते हुए दुश्मनों के खिलाफ आत्मघाती हमला कर दिया । लड़ाई में रतन सिंह सहित सारे सैनिक मारे गए ।

राणा की मृत्यु का समाचार पाकर, पद्मावती ने किले के अन्दर एक विशाल चिता बनाई और रानी पद्मावती और उनके साथी ने क्रूर दुश्मन के हाथों अपने सम्मान को बचाने के लिए चिता में कूद गये ।

खिलजी और उनके सैनिक जब किले के अन्दर आये, तो उन्हे केवल राजपूत महिलाओं की राख ही मिली |

पद्मावती और उनके साथियों को उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए हमारी श्रद्धांजलि ! गोरा और बादल की वीरता को नमन ।

( चित्तौड़गढ़ किले में रानी पद्मनी के महल के दक्षिण में दो गुम्बद के आकार के महल आज भी हैं जिन्हें 
गोरा-बादल के महल के नाम से जाना जाता है । )

आशा है कि फिल्म पदमावत में  रानी पद्मावती और उन 1600 राजपूतनियों, जिन्होंने अपने और देश के सम्मान की रक्षा करते हुए जौहर किया और गोरा और बादल की वीरता और स्वामिभक्ति के साथ न्याय किया होगा |

(Received on WhatsApp, Author unknown,  Edited) 

Also refer to: https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%80


No comments:

Post a Comment